Thursday 25 August 2011

एक कोशिश भोजपुरी में लिखे के ...

सोचत बानी तोहसे बलमु .नेहिया लगाय के
छोड़ मत दीहा हमके .. पिरितिया बढाई के !

तोहरे बीना ए बलमु.. जी न सकिला अब हम
चल मत जहिया हमसे .. लागी छुड़ाई के!!
छोड़ मत दीहा हमके ............

इतना करीला तोहसे प्यार इ समझ ला ..
जियत बानी तोहके सजना .. खुद के भुलाय के !!
छोड़ मत दीहा हमके ............

दुनिया जाने न जाने दिल तो इ जाने ला ..
पूजी ला मन में तोहर मूरत बसाई के !!
छोड़ मत दीहा हमके ............
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जिनगी ...

तू रहला तो बहार रहल जिनगी,
सुनर सपनवा हमार रहल जिनगी,
हम तो चलत रहनी गलीचा पे गोड़ रख के
फूलन के बगिया हमार रहल जिनगी !


तू चल गईला .. तो अंगार भइल जिनगी,
दुखवा के पहाड़ .. हमार भइल जिनगी,
बगिया झुराई गइल, मनवा अझुराई गइल,
काँटा के रहिया.. हमार भइल जिनगी !!

1 comment:

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