याद है मुझे..
वादा किया था मैंने तुमसे ..
तुम्हे भूल जाने का वादा ...
लेकिन इक बात कहूँ ...
"सुनोगे तो हंसोगे "
तुम्हे भूलने की कोशिश करते करते
"कब और कैसे"
खुद को भूल कर तुम्हे जीने लगी
पता ही नहीं चला ...
आज जब याद आया ..
"की मुझे तो तुम्हे भूलना था"
तो बहुत देर हो चुकी है ...
"मैं " तो "मैं " रही ही नहीं ...
"मैं" तो "तुम" बन चुकी हूँ ..
अब तुम्ही कहो ..
किसे भूलना है
"तुम्हे" या "खुद को" ....
वादा किया था मैंने तुमसे ..
तुम्हे भूल जाने का वादा ...
लेकिन इक बात कहूँ ...
"सुनोगे तो हंसोगे "
तुम्हे भूलने की कोशिश करते करते
"कब और कैसे"
खुद को भूल कर तुम्हे जीने लगी
पता ही नहीं चला ...
आज जब याद आया ..
"की मुझे तो तुम्हे भूलना था"
तो बहुत देर हो चुकी है ...
"मैं " तो "मैं " रही ही नहीं ...
"मैं" तो "तुम" बन चुकी हूँ ..
अब तुम्ही कहो ..
किसे भूलना है
"तुम्हे" या "खुद को" ....
bahut khub ...dil se likha hai aapne
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