Thursday 25 August 2011

तुम और मैं ....

तुम्हारे दिल की धड़कन को मेरा दिल भांप जाता है
हवा करती है सरगोशी बदन ये काँप जाता है

बहुत रोका बहुत टोका मेरे दिल ने मगर सुन ले
तुम्हारे घर के रस्ते पर कदम ये आप जाता है

तुम्हे कैसे बताऊ किस कदर खुश होने लगती हूँ
तुम्हारे नाम के संग में मेरा जब नाम आता है

तेरे दिल का मेरे दिल से न जाने कैसा नाता है
कोई हो सामने मेरे नज़र बस तू ही आता है

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साथ

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