Friday 31 October 2014
प्रेमिका
मुझमे,
नहीं है,
इक अदद
प्रेमिका के गुण,
नहीं आता मुझे,
प्रेम निभाने का शऊर,
'तुम्हारे'
सवालों के जवाब में,
ओढ़ लेती हूँ,
'एक'
गहन चुप्पी,
नहीं जान पाती,
तुम्हारी
आँखों के,
अनकहे अनुबन्ध,
तुम्हें ले कर,
स्वतः ही गढ़ लेती हूँ,
हज़ारों कहानियाँ,
कभी बता नहीं पायी तुम्हें,
मुझे भी पसन्द है,
तुम्हारे साथ,
आकाश के तारे गिनना,
नदी की धारा के,
संग संग बहना,
'हाँ',
तुम्हारी धड़कनों पर
लिखी इबारत,
नहीं पढ़ पाती मैं,
नहीं समझ पाती,
'कब' 'क्या'
कहना चाहते हो तुम,
'शायद'
मुझमे,
नहीं है,
इक अदद
प्रेमिका के गुण.. !!अनुश्री!!
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