Thursday 22 January 2015

'कॉफी'

सुनो!! 
तुम्हारे लिए 
बना रखी है
'कॉफी'
ढेर सारा प्यार 
और थोड़ी सी,
मुस्कान घोल कर,
पी लेना,
और 'हाँ'
जल्द लौटूंगी
अपने होठों के निशान,
तुम्हारे
अकेलेपन के कप पर
रखने के लिए,
'अपने'
भीगे एहसास
सम्हाले रखना
'मेरे लिए'
तुम्हारी ही
'मैं' !!अनुश्री!!

Monday 19 January 2015

****ग़ज़ल***


मेरे दिल की किताब हो जाना,
सारे खत का जवाब हो जाना,
मन का मौसम मेरा महक जाये, 
मुझसे मिलना गुलाब हो जाना,
तुम ही पहला गुनाह होना और,
पहला पहला सबाब हो जाना,
मेरे मैकश की प्यास की खातिर,
मेरी आँखों शराब हो जाना,
जब भी आएंगे वस्ल के लम्हे,
शब तू मेरा हिज़ाब हो जाना !!अनुश्री!

साथ

उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...