Monday 19 January 2015

****ग़ज़ल***


मेरे दिल की किताब हो जाना,
सारे खत का जवाब हो जाना,
मन का मौसम मेरा महक जाये, 
मुझसे मिलना गुलाब हो जाना,
तुम ही पहला गुनाह होना और,
पहला पहला सबाब हो जाना,
मेरे मैकश की प्यास की खातिर,
मेरी आँखों शराब हो जाना,
जब भी आएंगे वस्ल के लम्हे,
शब तू मेरा हिज़ाब हो जाना !!अनुश्री!

1 comment:

  1. प्रेम में पगी ग़ज़ल ... हर शेर उम्दा ...

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