जिन दिनों
उन्हें पढ़ना चाहिये था,
ककहरा, सपने, बचपन
उन्हें पढ़ाया जा रहा था,
देह, बिस्तर, ग्राहक..... !!अनुश्री!!
उन्हें पढ़ना चाहिये था,
ककहरा, सपने, बचपन
उन्हें पढ़ाया जा रहा था,
देह, बिस्तर, ग्राहक..... !!अनुश्री!!
उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...
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