तुझसे ही थी ख़त्म हुई और
तुझसे ही शुरुआत हुई,
जब भी जिक्र हुआ चाहत का,
जब भी जिक्र हुआ चाहत का,
तेरी ही तो बात हुई ..
मेरे सारे सुख दुःख पल छीन
तेरे ही मोहताज रहे,
तूने कहा तो दिन निकला
और तूने कहा तो रात हुई। .
तेरे ही मोहताज रहे,
तूने कहा तो दिन निकला
और तूने कहा तो रात हुई। .