पनपता है 'दिल में',
इक 'जिन्दा' ज्वालामुखी,
भावनाओं का वेग,
पूरे उफ़ान पर,
'फट' पड़ने को आतुर,
जानती हूँ,
फटने से
दरक जायेंगे
'रिश्ते'
टूट जायेंगे,
'बंधन'
और 'नारीत्व'
तोड़ने में नहीं
जोड़ने में है,
रख देती हूँ,
'मुहाने' पर,
झूठी 'आशाओं',
'उम्मीदों'
और 'दिलासाओं'
का पत्थर,
ताकि,
घुट कर रह जाएँ,
'सिसकियाँ'
सूख जाएँ 'आँसूं'
हसरतें तोड़ दे 'दम'
'जिन्दा' ज्वालामुखी
हो जाये,
'सुप्त' 'इसका'
मृतप्राय हो जाना,
नहीं है,
'मेरे बस में' । !!अनु!!
इक 'जिन्दा' ज्वालामुखी,
भावनाओं का वेग,
पूरे उफ़ान पर,
'फट' पड़ने को आतुर,
जानती हूँ,
फटने से
दरक जायेंगे
'रिश्ते'
टूट जायेंगे,
'बंधन'
और 'नारीत्व'
तोड़ने में नहीं
जोड़ने में है,
रख देती हूँ,
'मुहाने' पर,
झूठी 'आशाओं',
'उम्मीदों'
और 'दिलासाओं'
का पत्थर,
ताकि,
घुट कर रह जाएँ,
'सिसकियाँ'
सूख जाएँ 'आँसूं'
हसरतें तोड़ दे 'दम'
'जिन्दा' ज्वालामुखी
हो जाये,
'सुप्त' 'इसका'
मृतप्राय हो जाना,
नहीं है,
'मेरे बस में' । !!अनु!!