आँखों में तुम बसे हो ऐसे ..
कोई अधुरा ख्वाब हो जैसे !
वो तुम्हारा कुछ पलों का साथ
और उन पलों में तुम्हारा असीमित प्यार
तमाम उम्र के लिए अपनी पलकों में
कैद कर के रख लिया ...
वो हसीन से लम्हे
शरीर से लम्हे .
जिन लम्हों को तुम संग जिया
सम्हाल के उनको रख लिया ...
न जाने क्या बात हुई
खफा हो गए मुझसे तुम
यूँ मुंह फेरे बैठे हो
'जैसे'
मैं 'हूँ' , कोई बीता हुआ पल
कोई गुजरा हुआ कल
क्यों कर अपनी सुधियों से मुझको
तुमने ऐसे बिसार दिया ...
No comments:
Post a Comment