Thursday 25 August 2011

मेरा प्यार

आज भी मेरी खुशियों की वजह तुम हो
मेरे जख्मो की वजह तुम हो ....

ख्वाब तो रोज़ आते हैं आँखों में मेरी
तुम क्या जानो .. उन ख़्वाबों की.. वजह तुम हो ....

डरती हूँ कोई जान न ले गम मेरा
महफ़िल महफ़िल हंसने की.. वजह तुम हो .....

हर शख्स पूछता है .. इन आँखों में नमी क्यों है
कैसे कहूँ .. इन आँखों में अश्कों की..वजह तुम हो ...

जिए जा रही हूँ जिंदगी 'लेकिन'
मेरे जीने की ... वजह तुम हो .....

No comments:

Post a Comment

साथ

उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...