Thursday, 25 August 2011

प्रेम से : कुछ अलग ..कुछ जुदा, जीवन का सच ..

ये पेट की आग भी
क्या क्या न कराती है ...

चैन नहीं दिन में
रातें भी घबराती हैं ...

जीवन जीने की इच्छा
मन को ललचाती है ...

आगे बढ़ने की ख्वाइश
मेहनत खूब कराती है ...

न गर्मी से तपता है तन
न ठण्ड डरा पाती है .....

ये पेट की आग भी
क्या क्या न कराती है ..

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