Monday, 1 August 2011

2 comments:

  1. सच यादोँ को भूल जाना आसान नहीँ...
    गहरे भावोँ से भरी सुन्दर प्रस्तुति।

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साथ

उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...