Thursday, 25 August 2011

तुम बिन ....

तुम्हे हम भूल तो जाएँ ..
पर ये तो बता दो..
साँसों के बिन जिया कैसे जाता है!

अब तक जो यादें रहती थी जिंदगी बन कर,
उन यादों का जहर ..
पिया कैसे जाता है !

ताउम्र जिस प्यार को दिल में बसाये रक्खा,
ख्वाबों की तरह पलकों में सजाये रक्खा!
 उस प्यार का खून किया कैसे जाता है,

साँसों के बिन जिया कैसे जाता है!

--अनु--

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