शोहरतों पर गुरुर, मत करना,
अपनी नजरों से दूर, मत करना,
प्यार में तेरे, जाँ से जाऊं मैं,
जुल्म ऐसा हुजूर, मत करना .. !!अनु!!
उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...
वाह .. ऐसा जुर्म न करना ...
ReplyDeleteजा जरूरी है वर्ना जुल्म किस पे होंगे ...
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात