पहला प्यार,
'जैसे'
बारिश की पहली फुहार..
वो ही गीत, वो ही साज़ था,
कैसा अनोखा एहसास था.....
संग उसके, दिन लगते थे पल,
वो नहीं तो, हर पल साल था...
प्यार का ये, कैसा खुमार था,
हर दम जैसे, उसी का इंतज़ार था....
जिसने जिया है, बस वो ही जाने,
वो वक़्त भी, क्या ख़ास था....
!!अनु!! —
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साथ
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आपके लिए एक अहसास-
ReplyDeletehttps://plus.google.com/u/0/photos/117966176916830674261/albums/5676191694733328465
ख्याल बहुत सुन्दर है और निभाया भी है आपने उस हेतु बधाई
ReplyDeletehttp://madan-saxena.blogspot.in/
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