Tuesday 28 July 2015

चुटकी भर याद

कितना कुछ
बह गया इन दिनों
तुम्हारे 'हिस्से' का,
सारा 'प्रेम',
सारी 'चाहत',
सारी 'संवेदना',
बहा दिया, 'तुम्हें भी',
पूरा का पूरा,



चुटकी भर याद तक
नहीं रखी,
रह गया बस,
खाली 'मन',
खाली 'जीवन' !!अनुश्री!!

1 comment:

साथ

उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...