सहज नहीं होता,
किसी का
'प्रिय' हो जाना,
और
उससे भी
मुश्किल होता है,
'प्रेम' को
सहेज पाना,
जरुरी है कि
थोड़ी प्यास बाकी रहे,
तृप्ति का
एहसास बाकी रहे,
'तुम'
अगले मोड़ मिलोगे,
ये आस बाकी रहे !!
उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...
बहुत खूब ... प्रेम में इच्छा का रहना जरूरी है ...
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