Thursday, 13 October 2011

मेरी आँखें

दर्द को..
जज्ब करना नहीं आया,
गहरे इन जख्मो को,
भरना नहीं आया..
थक गयी कोशिश,
करते - करते,
मेरी आँखों को मगर,
हँसना नहीं आया......

2 comments:

  1. bahut khubsurat andaaz apni baat rakhne ka aap nekam shabdo me bahut achhi baat kahi.....................

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  2. aap ne kam shbdo me bahut achhi baat kahi hain.............pasand aaya...................

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