गंगा तेरी बहती धारा
जाने कितनो का तू सहारा
तू जीवन,तू मोक्षदायिनी,
तू निर्मल, तू पतितपावनी
जीवन तो है चलते जाना
जीवन का है तू ही किनारा
गंगा तेरी बहती धारा
तेरी छत्रछाया में बहते
जाने कितने जीवन पलते
तू रोजी रोटी कितनो की
कितनों का संसार सारा
गंगा तेरी बहती धारा
तेरे जल ने जो घुल जाये
उसका मन पावन हो जाये
तू ही मन के मेल मिटाती
तुझसे ही उद्धार हमारा ||
गंगा तेरी बहती धारा
जाने कितनो का तू सहारा
तू जीवन,तू मोक्षदायिनी,
तू निर्मल, तू पतितपावनी
जीवन तो है चलते जाना
जीवन का है तू ही किनारा
गंगा तेरी बहती धारा
तेरी छत्रछाया में बहते
जाने कितने जीवन पलते
तू रोजी रोटी कितनो की
कितनों का संसार सारा
गंगा तेरी बहती धारा
तेरे जल ने जो घुल जाये
उसका मन पावन हो जाये
तू ही मन के मेल मिटाती
तुझसे ही उद्धार हमारा ||
गंगा तेरी बहती धारा
गंगा तेरा पानी अमृत ...जय हो ,, बहुत सुन्दर रचना
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