'उसे'
जब ऐतबार नहीं था,
तुमने कहा,
बस ऐतबार दे दो,
जब ऐतबार हुआ,
तो तुमने कहा,
बस प्यार दे दो,
जब प्यार हुआ,
तुमने कहा,
बस समर्पण दे दो
'वो' जब समर्पित हुई,
'तुम'
पलायन कर गए .... !!अनुश्री !!
जब ऐतबार नहीं था,
तुमने कहा,
बस ऐतबार दे दो,
जब ऐतबार हुआ,
तो तुमने कहा,
बस प्यार दे दो,
जब प्यार हुआ,
तुमने कहा,
बस समर्पण दे दो
'वो' जब समर्पित हुई,
'तुम'
पलायन कर गए .... !!अनुश्री !!
अगर ये अंतिम सीड़ी है तो ये प्यार तो नहीं हो सकता ...
ReplyDeleteछलावा जरूर है ...
पलायन के पीछे के राज पहचानो .वोह कहते है ना " कुछ तो मजबूरिया रही होंगी , यूँ ही कोई बेवफा नही होता "
ReplyDeleteउम्दा भाव लिय रचना