Monday 9 September 2013

लड़की

वो लड़की,
अपनी कविताओं में,
खुशियों को लिखती,
प्रेम को लिखती,
सपनो को जीती,
उसकी कवितायेँ,
उसके अन्तर्मन का
बिम्ब थीं,
किसी को,
 इश्क हो गया,
'उससे'
उसकी कविताओं से,
इश्क का जुनून बन जाना,
दे जाता है,
दर्द बेहिसाब,
रात की कालिख,
घुल जाती है जिंदगी में,
'अब'
'वो' लड़की,
खुशियाँ, नहीं लिखती,
प्रेम और सपने  नहीं लिखती,
आज कल उसकी कविताओं
का रंग,
रक्तिम हो गया है।   !!अनु!!



1 comment:

  1. प्रेम का अंत ऐसा हो ... ये ठीक नहीं ...
    इश्क तो खुशी का एहसास ले के आना चाहिए ...

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