वो इश्क विश्क का दौर था,
वो दौर भी कुछ और था,
दिल में हसरतें तो थी मगर,
दिल अपना ही कहीं और था,
मिला दर्द जब, तो दवा हुई,
वो मर्ज ही कुछ और था,
जब तुम मिले तो सब मिला,
वो सफ़र ही कोई और था। . !!अनु!!
वो दौर भी कुछ और था,
दिल में हसरतें तो थी मगर,
दिल अपना ही कहीं और था,
मिला दर्द जब, तो दवा हुई,
वो मर्ज ही कुछ और था,
जब तुम मिले तो सब मिला,
वो सफ़र ही कोई और था। . !!अनु!!
bahut achhe... wah wah wah.. sanjay mittal
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