Saturday, 10 August 2013

chand

चाँद फलक पर सही, उतार लाऊंगी इक दिन, 
मंजिल उस ओर सही,पार जाउंगी इक दिन, 
तू दूर देश में बना ले अपना ठिकाना चाहे, 
ओ मेरे आसमा तुझे, छू कर आउंगी इक दिन !!अनु!!

1 comment:

  1. सुभान अल्ला ... ऐसा जज्बा हो तो आसमां दूर कहां ...

    ReplyDelete

साथ

उन दिनों जब सबसे ज्यादा जरूरत थी मुझे तुम्हारी तुमने ये कहते हुए हाथ छोड़ दिया कि तुम एक कुशल तैराक हो डूबना तुम्हारी फितरत में नहीं, का...