Tuesday 29 January 2013

मैं कविता में,


मैं कविता में,
प्यार नहीं लिखती, 
नफरत लिखती हूँ,
मिलन नहीं लिखती 
बिछोह लिखती हूँ, 
ख़ुशी नहीं लिखती, 
वेदना लिखती हूँ, 
ऊँचाइयाँ नहीं लिखती, 
गहराइयाँ लिखती हूँ,
मुझे प्यार है, 
डूबते सूरज से, 
गहराती रात से, 
दर्द में डूबे साज से ..!!अनु !!

3 comments:

  1. Beautiful Presentation.
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  2. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  3. ये बी तो एक एहसास है ... हर बात की अपनी अहमियत होती है ...

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