Tuesday 9 October 2012

गीत

मेरी हर बात को जब हंस के उड़ा देते हो
है क़सम जान,,, मेरी .जान जला देते हो ...


अजब है तेरा, मेरे ख्वाब में आना जालिम,
चाँद को जलता, आफताब बना देते हो..


कभी गिरे जो मेरे अश्क, तेरे हाथों पर,
आब-ए -चश्म* को, नायाब बना देते हो,


उतर के आते हो, जब तुम 'अनु' की आँखों में,
जिंदगी को हसीन,  ख्वाब बना देते हो...



*आँसू 

4 comments:

  1. मेरी हर बात को जब हंस कर उड़ा देते हो
    है कसम जान, मेरी जान जला देते हो।

    बहुत सुंदर भावों से युक्त गीत
    बहुत बढिया

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  2. जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,बहुत खूब
    बेह्तरीन अभिव्यक्ति

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  3. क्या बात है, आब ए चश्म को नायाब बना देते हो। असर हो तो ऐसा हो। बधाई।

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