Sunday, 20 April 2014

'प्रेम'

'प्रेम'
तुम्हे बार बार
लिख पाना,
सरल नहीं होता,
फिर फिर
जीना पड़ता है 'प्रेम',
भोगनी होती है
पीड़ा,
चाँद को बनाना
पड़ता है,
रतजगे का साथी,
बुनने होते हैं,
कई सारे सपने,
और फिर सहना
पड़ता है,
उनके
टूट जाने का दंश,
'नहीं'
तुम्हे बार बार
लिख पाना,
सरल नहीं होता। !!अनुश्री!!

1 comment:

  1. प्रेम को तो जीना होता है ... बार बार बार बार ...

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