Monday 26 October 2020

तुम्हारी तस्वीर

तुम्हारी तस्वीर
इक पड़ाव है
जहाँ
कुछ पल के लिये
ठहर जाता है मन
ठहर जाती है
ज़िन्दगी,
तुम्हारी तस्वीर
संझा का राग है
कि कभी-कभी
डूबते सूरज के साथ
डूबने लगता है मन भी
तुम्हारी रंग-बिरंगी तस्वीर
याद दिलाती है
कभी
तुम्हारी खुशियों के सारे रंग
मुझसे थे
तुम्हारी तस्वीर
बताती है कि
ज़िन्दगी के
फ़ीके होते रंगों के बीच भी
इश्क़ का रंग
एकदम पक्का होता है
हमेशा ही
तुम्हारी तस्वीर
आँखों के रस्ते दिल तक
पहुँचने के बाद
बह निकलती है
आँखों से ही,
तुम्हारी तस्वीर
अहसास दिलाती है कि
टूट कर चाहने वाले
टूट कर रह जाते हैं
एक दिन ...!!अनुश्री!!

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