बहा त पिरितिया के, फिर से बयार हो,
जबसे हैं अईले सांवर, बलमु हमार हो।
नाही चाही चूड़ी हमके, नहीं चाही कंगना,
तुही बाटा बिछुआ, पायल, तुही श्रंगार हो।.
जबसे तू गईला हमके, छोड़ी के विदेशवा,
सूना पड़ल साजन, अंगना दुआर हो।.
केकरा से हाल कहती, केसे दिल के बतिया,
भावे नाही गाँव, टोला, नाही संसार हो।.!!अनुश्री!!
जबसे हैं अईले सांवर, बलमु हमार हो।
नाही चाही चूड़ी हमके, नहीं चाही कंगना,
तुही बाटा बिछुआ, पायल, तुही श्रंगार हो।.
जबसे तू गईला हमके, छोड़ी के विदेशवा,
सूना पड़ल साजन, अंगना दुआर हो।.
केकरा से हाल कहती, केसे दिल के बतिया,
भावे नाही गाँव, टोला, नाही संसार हो।.!!अनुश्री!!