दुनिया रस्ता टेढ़ा मेढ़ा, जीवन बहता पानी है,
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
सुख दुःख, दुःख सुख की बातों पर, देखो दुनिया है मौन धरे,
जीवन में गर दुःख न हो तो, ख़ुशी की इज्जत कौन करे,
हर घर और आँगन की, यही एक कहानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
गर स्त्री बन आयी हो तो, इसका तुम अभिमान करो,
कुछ भूलो तो भूलो लेकिन, इतना हरदम ध्यान करो,
रानी लक्ष्मी बाई की गाथा, रखना याद जुबानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
बाधाओं से डर कर रुकना, है जीवन का नाम नहीं,
तूफानों के आगे झुकना, इंसां तेरा काम नहीं,
हर मुश्किल को पार करे वो, क़दमों में जिसके रवानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
सुख दुःख, दुःख सुख की बातों पर, देखो दुनिया है मौन धरे,
जीवन में गर दुःख न हो तो, ख़ुशी की इज्जत कौन करे,
हर घर और आँगन की, यही एक कहानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
गर स्त्री बन आयी हो तो, इसका तुम अभिमान करो,
कुछ भूलो तो भूलो लेकिन, इतना हरदम ध्यान करो,
रानी लक्ष्मी बाई की गाथा, रखना याद जुबानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
बाधाओं से डर कर रुकना, है जीवन का नाम नहीं,
तूफानों के आगे झुकना, इंसां तेरा काम नहीं,
हर मुश्किल को पार करे वो, क़दमों में जिसके रवानी है।
मंजिल पर पंहुचा है वो, जिसने हार न मानी है,
umda bhav
ReplyDeleteखुबसूरत अभिवयक्ति....
ReplyDeleteओज़स्वी शब्द ... लाजवाब रचना है ...
ReplyDeleteजीवन रस्ता टेढ़ा मेढ़ा ,जीवन बहता पानी है
ReplyDeleteमंजिल पर पहुंचा वो ,जिसने हार न मानी है
अनिताजी ..लाजवाब अभिव्यक्ति..अदभुत ..