अपने दिल के जख्म 'बयां' कर दो
अब तो ख़ामोशी को 'जुबां' कर दो,
ये जो छोटे छोटे गम हैं जिंदगी के,
फूंक मारो इनको और, रवां कर दो,
इक फलांग की चाह नहीं है मुझको,
तुम मेरे नाम सारा, जहाँ कर दो,
जिंदगी को डूब कर जीना है तो,
अपनी हसरतों को फिर, जवां कर दो,
हर अँधेरे को उजाला कर दूँ,
बस, चाँद को मेरा हमनवां कर दो,
!!अनु!!
अब तो ख़ामोशी को 'जुबां' कर दो,
ये जो छोटे छोटे गम हैं जिंदगी के,
फूंक मारो इनको और, रवां कर दो,
इक फलांग की चाह नहीं है मुझको,
तुम मेरे नाम सारा, जहाँ कर दो,
जिंदगी को डूब कर जीना है तो,
अपनी हसरतों को फिर, जवां कर दो,
हर अँधेरे को उजाला कर दूँ,
बस, चाँद को मेरा हमनवां कर दो,
!!अनु!!
अनीता जी आप कैसे सोचते हो दिल को छू जाता है और मुझे अपने आप पर गर्व होता कि मैँ वहाँ पैदा हुआ हूँ जहाँ पर आप जैसे लोग रहते है और भगवान का सुक्रगुर हूँ Thanx GOD
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