तुम आओ तो आ जाती है,
पतझड़ में भी बहार प्रिय,
प्रीत के रंग बिखरा जाती है,
प्रीत के रंग बिखरा जाती है,
मेघों की ये फुहार प्रिय।नैनों में स्वप्न, कानों में मिश्री,
साँसों में संदल घोल गए,
अधमुंदी मेरी पलकों पर,
साँसों में संदल घोल गए,
अधमुंदी मेरी पलकों पर,
जब तुमने टंका था प्यार प्रिय .